श्री गणेशाय नमः
Devotional Thoughts
Devotional Thoughts Read Articles सर्वसामर्थ्यवान एवं सर्वशक्तिमान प्रभु के करीब ले जाने वाले आलेख (हिन्दी एवं अंग्रेजी में)
Articles that will take you closer to OMNIPOTENT & ALMIGHTY GOD (in Hindi & English)
Precious Pearl of Life श्रीग्रंथ के श्लोकों पर छोटे आलेख (हिन्दी एवं अंग्रेजी में)
Small write-ups on Holy text (in Hindi & English)
Feelings & Expressions प्रभु के बारे में उत्कथन (हिन्दी एवं अंग्रेजी में)
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Devotional Thoughts Read Preamble हमारे उद्देश्य एवं संकल्प - साथ ही प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर भी
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Visualizing God's Kindness वर्तमान समय में प्रभु कृपा के दर्शन कराते, असल जीवन के प्रसंग
Real life memoirs, visualizing GOD’s kindness in present time
Words of Prayer प्रभु के लिए प्रार्थना, कविता
GOD prayers & poems
प्रभु प्रेरणा से संकलन द्वारा चन्द्रशेखर करवा
Serial No. Post
81 Real-life memoir by Mrs Priya Rathore titled प्रभु का चमत्कार
Indexed as (1) ACCIDENT MEMOIR


Editor's Introduction : This memoir shows GOD's mercy saves a devotee in a accident situation and in a medical emergency.

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प्रभु का चमत्कार

2016 में मेरी शादी हुई थी । हम लोग दूसरी जगह रहते हैं और हमारे सास-ससुर दूसरे शहर में रहते हैं । एक बार सास-ससुर मिलने आए हुए थे, कुछ दिन रुकने के बाद वापस गए तो उन्हें छोड़ने के लिए मैं और मेरे पति टैक्सी लेकर गए । उनको छोड़कर जब वापस आने लगे तो रात का समय हो चला था ।

हम टैक्सी ड्राइवर को बार-बार कह रहे थे कि कहीं रुक के चाय पी लो और थोड़ी नींद ले लो पर ड्राइवर ने मना कर दिया कि मैं ठीक हूँ । अचानक ड्राइवर को झपकी आ गई और गाड़ी हाईवे के मध्य में डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई । इतनी जोर का एक्सीडेंट हुआ कि बचना भी नामुमकिन था पर प्रभु ने असीम कृपा की और रक्षा की । मेरे हाथ और उंगली में केवल फ्रैक्चर होकर प्रभु ने इतनी बड़ी विपत्ति से मुझे बचा लिया । संपादक टिप्पणी - प्रभु कैसे कोई बड़ी विपत्ति को अपनी कृपा से छोटी में टाल देते हैं, यह इस प्रसंग में देखने को मिलता है । गाड़ी पलट जाने पर भी मामूली चोट से सबकी जानें बच गई, यह प्रभु का चमत्कार ही तो था ।

प्रभु कृपा की दूसरी घटना और बताना चाहती हूँ कि एक बार मेरे नाक से नकसीर के कारण खून निकलने लगा । घर पर सब घरेलू उपचार करने के बाद भी खून नहीं रुका तो अस्पताल ले जाना पड़ा । अस्पताल में जिस पलंग पर मुझे सुलाया गया उसके सामने प्रभु श्री कृष्णजी और गौ-माता की फोटो थी । मैंने प्रभु से हाथ जोड़कर विनती करी कि मेरी लाज रखें और मुझे ठीक कर दें । उसी समय मेरे नाक से खून निकलना तत्काल बंद हो गया और अस्पताल वालों ने मुझे डिस्चार्ज कर दिया । संपादक टिप्पणी - प्रभु कैसे अरदास सुनते हैं और चिकित्सा से पहले ही अपनी कृपा से ही ठीक कर देते हैं, यह इस प्रसंग में देखने को मिलता है ।


प्रिया राठौड़
जयपुर


नाम / Name : प्रिया राठौड़
प्रकाशन तिथि / Published on : 27 जुलाई 2024

संक्षिप्त प्रेषक परिचय / Brief Introduction of Sender : मैं एक धार्मिक परिवार से हूँ और बचपन से ही भक्ति के संस्कार मिले हैं । जहाँ भी सत्‍संग का मौका मिलता है, मैं पहुँचती हूँ । प्रमुख तीर्थों के दर्शन करने की मेरी इच्छा है ।
मेरा ध्‍यान अब परमार्थ की तरफ ज्‍यादा है । घर में प्रभु की नित्‍य श्री लड्डू गोपालजी की सेवा-पूजा करती हूँ । मैं किसी को रोता हुआ या दुःखी नहीं देख सकती ।
82 Real-life memoir by Mr Sanchit Mishra titled प्रभु द्वारा नया जीवनदान
Indexed as (1) ACCIDENT MEMOIR


Editor's Introduction : This memoir shows how the mercy of GOD saves a family including a small child in an accident and they all escape scratch-free. The second thing the memoir tells is to keep the name of child in name of GOD, as was the illustrious past tradition of this great country.

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प्रभु द्वारा नया जीवनदान

यह अप्रैल 2024 की बात है । मैं अपने पुत्र जो कि लगभग अभी 2 वर्ष का है और अपनी पत्नी के साथ ससुराल से वापस अपने घर मोटर साइकिल से आ रहा था । जिस रोड से मैं आ रहा था उस पर वाहनों की अधिक भीड़ नहीं रहती है ।

अचानक सामने से एक बहुत तेज गति से ट्रक आता दिखा । मैं तो अपनी साइड से ही चल रहा था । ट्रक पास आते-आते गलत साइड से मेरी बाइक के पास ही आ गया । अचानक उस ट्रक के इतने पास में आ जाने से मुझे इतना भी सोचने का समय नहीं मिला कि मैं किस साइड में जाऊँ या किस तरह से अपने आपको बचाऊं । प्रभु कृपा से मेरा नाम जप में बहुत अधिक विश्वास है । मैंने तुरंत अपने प्रभु श्री सीतारामजी का नाम लिया और गाड़ी को रोड के दूसरे किनारे पर मोड़ दिया । संपादक टिप्पणी - विपत्ति काल में प्रभु का नाम लेकर प्रभु को याद करना चाहिए जैसा यहाँ किया गया जिससे हमारे अन्तरात्मा में स्थित प्रभु हमें स्पष्ट दिशा निर्देश देते हैं । मुझे किसी भी हालत में उस ट्रक से बचना था । अचानक गाड़ी को मोड़ने से मेरी गाड़ी तो गिर गई लेकिन ट्रक निकल चुका था और मेरी पत्नी, पुत्र और मुझे छोटी-मोटी चोट तो छोड़िए, खरोंच तक नहीं आई । फिर मैंने अपनी गाड़ी को उठाया और कुछ देर विश्राम किया, प्रभु को धन्यवाद दिया । वहाँ पर कुछ लोग भी बैठे थे जिन्होंने यह पूरी प्रत्यक्ष घटना देखी । उनका भी मानना था कि ट्रक का ड्राइवर या तो नशे में होगा या फिर नींद में । मैंने तुरंत प्रभु कृपा का अनुभव किया कि गाड़ी गिरने के बाद भी हम लोगों को बिलकुल भी चोट नहीं आई । संपादक टिप्पणी - प्रभु जब कृपा करते हैं तो विपत्ति और विपरीत परिस्थिति में भी हमारी रक्षा करते हैं और हमारा बाल भी बाँका होने नहीं देते जैसा इस प्रसंग में देखने को मिलता है ।

यहाँ पर एक बात और बताने योग्य है कि मैंने अपने पुत्र का नाम प्रभु श्री महादेवजी के नाम पर रखा है । मेरे पुत्र का नाम महादेव मिश्रा है । तो मैंने जब यह घटना अपने आस पास के लोगों को बताई तो उन्होंने मजाक के तौर पर कहा कि आपके साथ तो आपके महादेव थे तो दिक्कत कैसे हो सकती थी । उनका कहने का भाव रहता है कि आपके साथ तो सदा प्रभु श्री महादेवजी रहते हैं तो कुछ अनर्थ कैसे हो सकता है । उन सब लोगों को भी एवं आप सभी लोगों को भी मैं यही कहना चाहता हूँ कि हमें अपनी संतान के नाम प्रभु के ही नाम पर रखने चाहिए जिससे और भी प्रभु का श्रीनाम हमारे मुख से निकल सके । संपादक टिप्पणी - यह पुरातन भारतीय संस्कृति रही है कि पुत्र का नाम सीताराम, राधेश्याम, उमाशंकर, गोविंद, राघव कुमार, हनुमान प्रसाद, हरि नारायण रखा जाता था और पुत्री का नाम जानकी, उमा, लक्ष्मी, राधिका, गायत्री, गंगा, यमुना रखा जाता था । इस परंपरा को हमने आधुनिक बनने के चक्कर में बिगाड़ दिया है जिसे अक्षुण रखने की परम आवश्यकता है । श्रीमद् भागवतजी महापुराण में यह प्रसंग आता है कि पुत्र "नारायण" को पुकारने पर अंतिम बेला पर यमपास से श्री अजामिलजी को बचाने प्रभु के पार्षद आ गए थे और उन्हें नर्क जाने से बचा लिया था ।


संचित मिश्रा
पीलीभीत (उत्तर प्रदेश)


नाम / Name : संचित मिश्रा
प्रकाशन तिथि / Published on : 27 जुलाई 2024

संक्षिप्त प्रेषक परिचय / Brief Introduction of Sender : मेरी आयु 26 वर्ष है । प्रभु की असीम कृपा से बचपन से ही भक्ति से मेरा लगाव रहा है । वर्तमान में मैं कक्षा 1 से 12 तक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता हूँ ।
मेरा ध्‍यान अब परमार्थ की तरफ ज्‍यादा है । मेरी इच्छा है कि अपने पूरे जीवन काल में प्रभु कृपा से अधिक से अधिक अपने करुणानिधान भगवान का नाम जप करूं ।
83 Real-life memoir by Mrs Meenu Agarwal titled प्रभु कृपा ही कृपा
Indexed as (1) MEDICAL MEMOIR


Editor's Introduction : This memoir shows how faith in ALMIGHTY GOD in medical distress brings relief and the mercy of GOD leads the way to cure. The miracles as experienced by the sender is beyond words to narrate.

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प्रभु कृपा ही कृपा

प्रभु श्री श्यामबाबा ने कदम-कदम पर मेरे जीवन में चमत्कार करके दिखाया है । बचपन से ही प्रभु श्री श्यामबाबा की मान्यता हमारे पीहर में रही है और मैं यही बचपन में मांगती थी कि श्रीश्याम प्रेमी परिवार में ही मेरा विवाह प्रभु करवा देना और प्रभु ने ऐसा ही करवाया । पीहर और ससुराल दोनों जगह प्रभु श्री श्यामबाबा की सेवा है । तीन वर्ष पहले की बात है । मुझे शुगर और बीपी के कारण कोई अटैक आया और तीन महीने तक मैं बिस्तर पर पड़ी रही, अचेत रही । न खाया गया, न पिया गया और न सोया गया । मैं एकदम बेसुध थी । मेरा वजन 95 किलोग्राम था जो कम होकर 55 किलोग्राम हो गया था । मेरे पति ही मेरा मल-मूत्र साफ करते और मैं इतनी लाचार हो गई थी । एक बार मेरे पति ने बाद में बताया कि मैं तेज-तेज रो रही थी और श्री श्यामबाबा से कह रही थी कि या तो मुझे उठा लें और या ठीक कर दें । श्री श्यामबाबा का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ और तीन बार प्रभु ने मेरे सिर पर हाथ फेरा और मुझे कहा कि ठीक हो जाओगी, थोड़ा सब्र करो और आशीर्वाद देकर चले गए । संपादक टिप्पणी - प्रभु अपने आश्रित भक्तों की हर विपत्ति में परमपिता के रूप में साथ रहते हैं और उसका निवारण करते हैं । मुख्य बात है प्रभु में विश्वास और श्रद्धा होनी और जो यह कर पाता है उसके जीवन में चमत्कार होते ही होते हैं ।फिर मुझे सपना आया कि मैं बाबा का कीर्तन करवा रही हूँ और मेरी तीनों बेटियां पीले रंग के कपड़े पहनकर कीर्तन की जो संगत है उनको चाय प्रसाद दे रही है । मेरे विवाह की 41वीं सालगिरह पर मेरी इच्छा हुई कि मुझे कीर्तन करवाना है तो पति ने कहा कि श्री बसंत पंचमी के दिन कीर्तन करवा लेना । श्री बसंत पंचमी को भोग बनाया गया और मंदिर में कीर्तन करवाया गया । मैं खुद भी उस दिन तक काफी ठीक हो गई थी तो मैंने खुद भी भजन गाए । क्योंकि मंदिर में कीर्तन था इसलिए खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की थी, केवल प्रसाद की व्यवस्था थी । घर पर होता तो सब व्यवस्था हो जाती पर उसी समय मेरी एक सहेली आई और वह चाय समोसा लेकर आई । तो कीर्तन संगत को मेरी दोनों बेटियों ने वह दिया और जो सपने में मुझे दिखाई दिया था वह दृष्टांत वहाँ वैसा ही साकार हुआ कि दोनों बेटियां पीले रंग के कपड़े पहनकर पूरी कीर्तन संगत को चाय पिला रही है और जय श्रीश्याम बोल रही है । पग-पग पर श्री श्यामबाबा हमारा साथ देते हैं और कुछ भी होता है उसका अनुभव बाबा पहले ही दे देते हैं । संपादक टिप्पणी - शास्त्रों में प्रभु का एक वास हमारे हृदय में बताया गया है । प्रभु हमारे अंतरात्मा में स्थित हैं पर जो भक्ति करता है उसे ही उनका अनुभव और दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं ।

एक और दृष्टांत मैं बताना चाहती हूँ कि 2005 में मेरे पति को ब्रेन हेमरेज पैरालिसिस हो गया था । उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टर ने कहा कि ज्यादा समय नहीं है, आपको जिन्हें बुलाना है आप उन्हें बुला लें । बड़ी बेटी की शादी हो गई थी उसको और दामाद को मैंने बुलाया । वे पास ही रहते थे और तुरंत आ गए । मैंने मंदिर में श्री श्यामबाबा से कहा कि मेरा तो कुछ भी नहीं बिगड़ेगा क्योंकि न कोई साथ आया है और न साथ जाएगा, यह मुझे पता है । पर अभी मेरा परिवार कच्चा है क्योंकि दो बेटियों की शादी होनी बाकी है और मुझे बेटा भी नहीं है । अगर पति को कुछ हो जाता है तो सांसारिक सहारा चला जाएगा । संपादक टिप्पणी - प्रभु को भक्त की पुकार सुननी ही पड़ती हैं जो उनमें अटूट विश्वास और श्रद्धा रखता है । प्रभु नियति को बदल देते हैं और असंभव को भी पल भर में संभव कर देते हैं । प्रभु हारे हुए का सहारा बन जाते हैं ।मेरे पति के गुरुजी जो कि श्री श्यामबाबा के बड़े भक्त हैं और भजन भी बहुत अच्छा गाते हैं जब उनको पता चला तो वे रात को 12:00 बजे बाबा की मोरछड़ी, फोटो और बाबा की ज्योत लेकर अस्पताल आए । बाबा की मोरछड़ी से उन्होंने मेरे पति को झाड़ा दिया और कहा कि अभी कुछ समय बाद ही यह खाना मांगेगा और 70 वर्ष से ज्यादा यह जिएगा । मेरे पति को थोड़ी देर में चेतना आई, उस समय डॉक्टर भी आ गए थे तो डॉक्टर ने उनको कुछ पूछा तो मेरे पति का मुँह इतना टेढ़ा हो गया था कि कान के पास चला गया था । फिर भी श्री श्यामबाबा की कृपा से उन्होंने कहा कि मैं ठीक हूँ । फिर उनको डॉक्टर ने दिनांक, वार सब पूछे तो सबका उत्तर मेरे पति ने सही दिया । डॉक्टर ने कहा कि उनकी याददाश्त सही है और अब यह ठीक हो जाएंगे । डॉक्टर ने पूछा कि कुछ खाओगे तो पति ने कहा कि कुछ भी खिला दो । जिस पेशेंट को यानी मेरे पति को डॉक्टर ने जवाब दे दिया था उन्हें मेरे श्री श्यामबाबा ने चमत्कार करके ठीक कर दिया । 2005 की घटना है और अब मेरे पति एकदम स्वस्थ हैं और आज हम पति-पत्नी दोनों साथ में श्री श्यामबाबा का नाम लेकर उन्हीं के सहारे और आशीर्वाद से जीवन यापन कर रहे हैं । संपादक टिप्पणी - प्रभु पर विपत्ति काल में रखा विश्वास हमेशा फलीभूत होता ही है । प्रभु ही विपत्ति काल में हमारे सच्चे अपने होते हैं ।


श्रीमती मीनू अग्रवाल
दिल्ली


नाम / Name : श्रीमती मीनू अग्रवाल
प्रकाशन तिथि / Published on : 28 जुलाई 2024

संक्षिप्त प्रेषक परिचय / Brief Introduction of Sender : मेरी आयु 63 वर्ष है । प्रभु की असीम कृपा से बचपन से ही भक्ति से मेरा लगाव रहा है । पीहर और ससुराल दोनों जगह मैं प्रभु श्री श्यामबाबा की सेवा करती हूँ । बीमार रहती हूँ इसलिए प्रभु श्री श्यामबाबा के सहारे ही जीवन यापन सुचारु होता है । मुझे भजन प्रभु को सुनाने का शौक है और कई हजार भजन प्रभु कृपा से कंठस्थ हैं । विगत 35 वर्षों से श्री सुंदरकांडजी का पाठ, जो मुझे कंठस्थ है, वह हर मंगलवार को करती हूँ ।
मेरी शिक्षा 12वीं तक हुई है । मेरी तीन बेटियों और पति का भरा-पूरा परिवार । शुरू से ही मेरा ध्‍यान परमार्थ की तरफ ज्‍यादा है ।
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